💐 पूज्य जगद्गुरु जी का आशीर्वचन 💐
दैनिक आज समाचार पत्र — 50 वर्षों की दिव्य यात्रा पर
मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित | कानपुर संस्करण
“जहाँ कलम राष्ट्रधर्म के लिए चलती है, वहाँ युग चेतना जागृत होती है।”
— अनंत श्री विभूषित, प्रेमेश्वर पीठाधीश्वर,
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज
दैनिक आज के 50 वर्षों की निष्कलंक, निर्भीक और राष्ट्रनिष्ठ पत्रकारिता को पूज्य जगद्गुरु जी ने धर्म की ध्वनि और समाज की आत्मा कहा।
उनके आशीर्वचन आज के मुख्यपृष्ठ पर प्रकाशित हुए — यह पत्रकारिता की तपस्या के लिए एक दिव्य सम्मान है।
यह केवल ५० वर्ष नहीं,
यह है — आधी सदी का संकल्प,
सत्य के पथ पर अडिग रहने का व्रत।
जगद्गुरु जी का संदेश हर युवा को पुकारता है:
“स्वर हो या शंख, जब तक वह सत्य के लिए न गूँजे—
वह केवल ध्वनि है, दिव्यता नहीं।”
💐 पूज्य जगद्गुरु जी का आशीर्वचन 💐
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“जहाँ कलम राष्ट्रधर्म के लिए चलती है, वहाँ युग चेतना जागृत होती है।”
— अनंत श्री विभूषित, प्रेमेश्वर पीठाधीश्वर,
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज
दैनिक आज के 50 वर्षों की निष्कलंक, निर्भीक और राष्ट्रनिष्ठ पत्रकारिता को पूज्य जगद्गुरु जी ने धर्म की ध्वनि और समाज की आत्मा कहा।
उनके आशीर्वचन आज के मुख्यपृष्ठ पर प्रकाशित हुए — यह पत्रकारिता की तपस्या के लिए एक दिव्य सम्मान है।
यह केवल ५० वर्ष नहीं,
यह है — आधी सदी का संकल्प,
सत्य के पथ पर अडिग रहने का व्रत।
जगद्गुरु जी का संदेश हर युवा को पुकारता है:
“स्वर हो या शंख, जब तक वह सत्य के लिए न गूँजे—
वह केवल ध्वनि है, दिव्यता नहीं।”
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“जहाँ कलम राष्ट्रधर्म के लिए चलती है, वहाँ युग चेतना जागृत होती है।”
— अनंत श्री विभूषित, प्रेमेश्वर पीठाधीश्वर,
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज
दैनिक आज के 50 वर्षों की निष्कलंक, निर्भीक और राष्ट्रनिष्ठ पत्रकारिता को पूज्य जगद्गुरु जी ने धर्म की ध्वनि और समाज की आत्मा कहा।
उनके आशीर्वचन आज के मुख्यपृष्ठ पर प्रकाशित हुए — यह पत्रकारिता की तपस्या के लिए एक दिव्य सम्मान है।
यह केवल ५० वर्ष नहीं,
यह है — आधी सदी का संकल्प,
सत्य के पथ पर अडिग रहने का व्रत।
जगद्गुरु जी का संदेश हर युवा को पुकारता है:
“स्वर हो या शंख, जब तक वह सत्य के लिए न गूँजे—
वह केवल ध्वनि है, दिव्यता नहीं।”